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मिसिर कविराय की कुण्डलिया



मिसिर कविराय की कुण्डलिया


माता ही आदर्श है, माता परम महान।

माता पूजा गेह है,माता ही भगवान।।

माता ही भगवान, सृष्टि संचालन करती।

बनकर पालनहार, क्षुधा को भरती रहती।।

कहें मिसिर कविराय, अगर कोई है दाता।

बहुत बड़ा है नाम,जिसे कहते हैं माता।।

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1 Comments

Haaya meer

30-Dec-2022 07:14 PM

👌👌

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